मौत के सारे इंतजाम पर चिकित्सा के एक भी नही
मौत के सारे इंतजाम पर चिकित्सा के एक भी नही (मेरी कान्हा यात्रा-4) - पंकज अवधिया कान्हा मे सुबह की सफारी के दौरान गाइड ने एक विशेष प्रकार की ततैया के घरौन्दे दिखाये। मेरे मुंडन कराये गये खुले सिर को देखकर चेतावनी भरे स्वर मे वह बोला कि आप तुरंत टोपी पहन ले। इन ततैयो ने एक अंग्रेज पर्य़टक की गंजी खोपडी पर आक्रमण कर दिया था। दंशो से उसकी खोपडी फूल गयी और उसे तुरंत मंडला ले जाना पडा। इस तरह की घटनाए अक्सर होती रहती है। मैने घरौन्दो की तस्वीरे खीची और फिर गाइड से पूछा कि मंडला क्यो ले जाते है? क्या पार्क की ओर से चिकित्सा विशेषकर आपात चिकित्सा की व्यवस्था नही है? उसने कहा कि है तो पर सरकारी डाक्टरो को तो आप जानते ही है। कोई यहाँ आना ही नही चाहता। छोटी घटना हो या बडी, मंडला ही भागना पडता है। मुझे एकाएक विश्वास नही हुआ। कान्हा आते समय मैने मोचा नामक गाँव मे अस्पताल का साइन बोर्ड देखा था। सफारी के बाद वहाँ गया तो गाइड की बात सच निकली। पार्क प्रशासन मौत के सारे इंतजामो के बीच घायल पर्यटको को क्या ऐसे ही मरने छोड देता है? रात को अपने होटल मे लौटकर मैने एक बार फिर गाइड की बात ...