अन्ध-विश्वास के साथ मेरी जंग : कुछ अनुभव -67
अन्ध-विश्वास के साथ मेरी जंग : कुछ अनुभव -67 - पंकज अवधिया “अरे! ये रेखा कब बनी? यह तो आपके अन्दर की ऊर्जा की प्रतीक है। जल्दी ही आपको बहुत अर्थ लाभ होने वाला है। कोई बडा पुरुस्कार भी मिल सकता है।“ हस्तरेखा विज्ञान मे रुचि रखने वाले मेरे मित्र दायी हथेली को देख कर जाने क्या बडबडा रहे थे। मुझे इस विज्ञान मे कम ही विश्वास है। पर मीठी-मीठी बाते सुनना किसे पसन्द नही है। इसलिये मै उनकी बाते सुन रहा था। जब उनकी बाते पूरी हुयी तो मैने कहा कि पहले मै कलम से शोध आलेखो को लिखा करता था फिर बाहर से इन्हे टाइप करवाता था। अब तो कम्प्यूटर पर ही सारा काम खुद करता हूँ। अभी मधुमेह की रपट चल रही है। दिन मे बीस घंटो तक माउस पकडने से हथेली मे फोल्डस बनना तो स्वावभाविक है। आप हथेली के जिस भाग को बुध पर्वत कह रहे है और जिस पर बनी तीन गहरी रेखाओ की बात कर रहे है मै उन्हे “माउस रेखा” कहना अधिक पसन्द करुंगा। मेरी उलाहना भरी बातो को सुनकर वे बिफर पडे और बोले कि तुम कहते हो कि दो साल मे मधुमेह की रपट पूरी करोगे और फिर अगले बीस सालो मे ह्र्दय और क...