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जैव-विविधता के गढ देवस्थल, अंकोल, झगडहीन, डाफर कान्दा और पारम्परिक चिकित्सक

मेरी जंगल डायरी से कुछ पन्ने-56 - पंकज अवधिया जैव-विविधता के गढ देवस्थल, अंकोल, झगडहीन, डाफर कान्दा और पारम्परिक चिकित्सक हम सपाट मैदानी क्षेत्र मे लगातार चले जा रहे थे। चारो धान के खेत थे। जंगल का नामोनिशान नही था। धान के खेत मे किसान बडी संख्या मे अपने कार्यो मे लगे हुये थे। अचानक हमे एक स्थान पर घने वृक्षो का समूह दिखायी दिया। साथ चल रहे लोगो ने कयास लगाया कि शायद कोई बडा तालाब होगा। पर जब उस स्थान तक पहुँचे तो पता चला कि वह पास के गाँव के पवित्र स्थल है जहाँ ग्राम देवता विराजते है। उस स्थान मे वृक्ष इतने अधिक घने थे कि हमे दिन मे अन्दर जाने के लिये टार्च का सहारा लेना पडा। इस बीच हमारी ग़ाडी देख पास के खेतो से कुछ किसान आ गये और उस स्थान की महिमा बताने लगे। उह्नोने बताया कि यह स्थान पहले घने जंगल मे हुआ करता था। साल मे एक बार गाँव के बैगा के साथ लोग बडा जोखिम उठाकर यहाँ आया करते थे। आज तो जंगल पूरी तरह से साफ हो चुके है। केवल यही स्थान बचा है। इस स्थान से वृक्ष की कटाई प्रतिबन्धित है। पर जैसा कि आप जानते है कि प्रतिबन्ध इसे तोडने वालो को अक्सर उकसाता है। यहाँ भी ऐसा ही ह...

अन्ध-विश्वास के साथ मेरी जंग : कुछ अनुभव -84

अन्ध-विश्वास के साथ मेरी जंग : कुछ अनुभव -84 - पंकज अवधिया “अरे, यह तो भ्रमरमार है। एक नही दो-दो है।“ मै लगभग चीख पडा। मेरी खुशी का ठिकाना नही रहा। ऐसा लगा जैसे मुझे अनमोल रत्न मिल गये हो। बुधराम और उसके साथियो के साथ मै जब जंगल के देवता के घर पहुँचा (सन्दर्भ के लिये पिछले लेख पढे) तो एक से बढकर एक दुर्लभ वनस्पतियो को देखकर मै आश्चर्यचकित रह गया। भ्रमरमार का पौधा ब्लड कैसर मे दशको से सफलतापूर्वक प्रयोग हो रहा है। सबसे पहले मैने इसे पढाई के दौरान देखा था। मुझे इसके दिव्य औषधीय गुणो के विषय मे बताया गया था। मैने सन्दर्भ ग्रंथो को पढा तो मुझे इसके विषय मे कोई जानकारी नही मिली। हमारे प्राचीन ग्रंथ भी इसके विषय मे कुछ नही बताते है। जब मैने कैंसर की पारम्परिक चिकित्सा से समबन्धित ज्ञान का दस्तावेजीकरण आरम्भ किया तो इस वनस्पति का नाम मैने बहुत बार सुना। पर हर बार पारम्परिक चिकित्सको की टिप्पणी मिलती थी कि अब यह नही मिलता है इसलिये हम इसके स्थान पर दूसरी वनस्पतियो का प्रयोग करते है। दूसरी वनस्पतियाँ उतनी कारगर नही होती है। आप...