ग़ुटखे के अभिशाप से अछूते नही है कान्हा के वन्य जीव
ग़ुटखे के अभिशाप से अछूते नही है कान्हा के वन्य जीव (मेरी कान्हा यात्रा-6) - पंकज अवधिया “कान्हा मे बन्दर आपको सडक पर कुछ चाटते दिख जायेंगे। सडक माने जंगल के अन्दर की सडक। पिछले कुछ सालो से उनकी यह विशेष गतिविधि बढती जा रही है। शायद दूसरे जानवर भी ऐसा करते हो।“ साथ चल रहे स्थानीय लोगो ने यह रहस्योघाटन किया। यह मेरे लिये नये किस्म की खबर थी। जब लोगो ने बन्दर की इस विशेष गतिविधि के कारण की जानकारी दी तो मेरे होश उड गये। मै कारण का खुलासा आगे करुंगा। पहले कान्हा मे पर्यटको द्वारा फैलायी जाने वाली गन्दगी के बारे मे चर्चा करते है। सफारी के दौरान जैसे ही मेरे सहयात्री ने बिस्किट खाकर रैपर फेकना चाहा, गाइड ने कडे शब्दो मे ऐसा करने से मना कर दिया। उसके कडे शब्द सुनकर मुझे खुशी हुयी कि चलो किसी को तो चिंता है पार्क की। कुछ आगे जाने पर हमे जंगली फल गिरे दिखायी दिये। मैने गाइड से फलो को उठाकर दिखाने की माँग की तो उसने साफ शब्दो मे मना कर दिया। उसने कहा कि जंगल को कुछ दे नही सकते तो कुछ ले जा भी नही सकते। मैने कहा कि तस्वीर लेने के बाद मै फलो को वापस रख दूंगा। फिर भी वह तैयार नही...