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अन्ध-विश्वास के साथ मेरी जंग : कुछ अनुभव -97

अन्ध-विश्वास के साथ मेरी जंग : कुछ अनुभव -97 - पंकज अवधिया “आपने जडी-बूटियो पर इतना लिखा है, हम आपको कुछ उपहार देना चाहते है अपनी आस्था के अनुसार ताकि आपका भविष्य़ सुरक्षित रहे।“ अमेरिका से मुझे यह सन्देश मिला उन दिनो जब मैने बाटेनिकल डाट काम पर लिखना शुरु ही किया था। सन्देश भेजने वाली एक महिला थी जो शायद उस वेबसाइट से जुडी हुयी थी। उन्होने उस उपहार की तस्वीर भेजी। वह एक चाँदी का बक्सा था जिसमे लाल रंग के पावडर मे कोई पतली सी चीज पडी हुयी थी। उन्होने लाल रंग को जब सिन्दूर बताया तो मेरा माथा ठनका। मैने कहा कि मेरा एक मित्र पढाई के सिलसिले मे वहाँ है। वो आपके पास आकर उपहार ले लेगा और फिर जब भारत आयेगा तो मुझे दे देगा। बात तय हो गयी। मित्र को उपहार देते वक्त बताया गया कि This is Cat’s Chord (Umbelical cord or placenta) and very lucky. मित्र ने मुझे इस उपहार के बारे मे बताया। नाम से समझ आ गया कि यह तो वही चीज है जिसे भारतीय तांत्रिक दुर्लभ बताते है। इसे भारत मे बिल्ली की जेर या नाल के नाम से बेचा जाता है। मैने उपहार देन...