बरगद वाले हिरण और पानी के लिये कोहराम
बरगद वाले हिरण और पानी के लिये कोहराम (मेरी कान्हा यात्रा-13) - पंकज अवधिया खटिया गेट से पार्क के अन्दर घुसते ही एक बडा सा बरगद का पेड दिखता है। हमने जब सफारी शुरु की तो इस पेड के नीचे हिरण का एक समूह देखा। जब वापस लौटे तो वह समूह उसी पेड के नीचे जमा हुआ था। अगली सुबह जब वे फिर वही दिखे तो मैने गाइड से पूछ ही लिया। उसने कहा कि ये यही डेरा जमाये रहते है। मानव की बस्ती पास मे है इसलिये इन्हे यहाँ सुरक्षित लगता है। रात मे बहुत से शाकाहारी जीव बाघ से बचने इस गेट के पास आ जाते है। पर ज्यादातर सुबह वापस लौट जाते है। गाइड की बात सुनकर मैने सामने दिख रहे स्थायी समूह का नाम “बरगद वाले हिरण” रखने मे देरी नही की। इस विशाल पेड के पास पर्यटक अक्सर रुकते है क्योकि शाखाओ मे उल्लू बैठे दिखायी दे जाते है। मुझे छत्तीसगढ के बारनवापारा अभ्यारण्य की याद आ रही है। गर्मियो मे यहाँ भी हिरण बस्ती के पास पहुँच जाते है। गाँववालो के तो ये कम शिकार बनते है पर कुत्तो के सहज शिकार हो जाते है। कुत्तो को एक बार इनका स्वाद लग जाये फिर वे एक-एक करके सभी हिरणो को मारते जाते है। पिछले साल मेरी एक यात्रा के दौरान म...