अन्ध-विश्वास के साथ मेरी जंग : कुछ अनुभव -53
अन्ध-विश्वास के साथ मेरी जंग : कुछ अनुभव -53 - पंकज अवधिया पिछले कुछ महिनो से आफ्रीकी देश तंजानिया से आ रही खबरे मन को विचलित किये हुये है। वहाँ एल्बीनिज्म रोग से प्रभावित लोगो को चुन-चुन कर मारा जा रहा है। मारने का ढंग बडा ही घिनौना है। रात को सोते हुये अचानक ही इन पर अज्ञात लोग आक्रमण करते है और फिर शरीर का कोई हिस्सा काट कर ले जाते है। प्रभावित लोग तक जब तक मदद पहुँचे तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। आपको यह जानकर आश्चर्य और दुख होगा कि शरीर के काटे गये हिस्सो को अमीर लोग बडी कीमत देकर खरीद लेते है। अमीर इसे लेकर ओझाओ के पास जाते है जहाँ उन्हे ताजे खून को पिलाया जाता है। आपके मन मे चीनी बाजार की बात आ रही होगी जहाँ बाघ के लिंग का सूप केवल इसलिये पीया जाता है ऊँचे दाम देकर कि इससे मर्दाना शक्ति बढती है। इस गलतफहमी ने न जाने कितने बाघो को मौत के घाट उतार दिया है। पर यहाँ हम मनुष्यो के खून की बात कर रहे है। ओझाओ ने यह बात फैला रखी है कि इस खून को पीने से अमीरी बढती है, धन की प्राप्ति होती है। कल मैने रात को बीबीसी पर इसके विषय मे एक और समाचार सुना तो मुझे...