तंग पिंजरो मे अघोषित आजीवन कारावास भुगतते वन्य प्राणी और उनसे जुडी बाते
मेरी जंगल डायरी से कुछ पन्ने-65 - पंकज अवधिया तंग पिंजरो मे अघोषित आजीवन कारावास भुगतते वन्य प्राणी और उनसे जुडी बाते कल्पना करिये कि आप रोजमर्रा के कामकाज मे लगे है। अचानक ही दूसरे ग्रह के लोग आये और आपको उठा ले। तंग कमरे मे आपको रखे और फिर अगले दिन आपके शहर से सैकडो किलोमीटर दूर ऐसी जगह पर छोड दे जहाँ आप कभी गये ही नही है। फिर आपको उस जगह पर रहने के लिये मजबूर करे। आपको सब कुछ शुरु से शुरु करना होगा। पता नही ऐसे माहौल मे आप अपने अस्तित्व को कायम रख पायेंगे भी कि नही। आप इसे सीधे-सीधे अन्याय कहेंगे। खैर, आप निश्चिंत रहे क्योकि आप इंसान है और यह आपके साथ शायद ही हो पर ऐसा व्यव्हार वन्य प्राणियो के साथ अक्सर होता है। उन्हे दूसरे ग्रहो के लोग इधर से उधर नही करते बल्कि हम-आप जैसे लोग ही करते है। हाल ही मे मै एक पारम्परिक सर्प विशेषज्ञ से यह चर्चा कर रहा था। ऊपर से जंगल भले ही शांत लगे पर भीतर भारी संघर्ष चलता रहता है। यह संघर्ष अस्तित्व के लिये होता है। जंगल मे असंख्य खतरे होते है और कडा संघर्ष ही अधिक समय तक जीने देता है। जिस स्थान पर वन्य प्राणी जन्मते है उसके आस-पास से वे परिचित