टिप्पणी कूट : टिप्पणी करने का अनोखा (?) औजार
मुझे याद आता है पहले तार (टेलीग्राम) करते समय तारघर मे सन्देशो की सूची लगी होती थी। आपको केवल कोड या कूट लिखना होता था और पूरा सन्देश चला जाता था। हिन्दी चिठ्ठाकारो की संख्या जिस तेजी से बढ रही है उससे थोडे समय बाद ज्यादा से ज्यादा टिप्पणी करना दुष्कर हो जायेगा। नये चिठ्ठाकारो को भी बडी तकलीफ होती है टिप्पणियो को लिखने मे। इसलिये मैने प्रयोगात्मक तौर पर कुछ कूट बनाये है। आप जाकर केवल ये कूट लिखे, लेखक डिकोडिग कर लेगा। या हो सकता है बाद मे गूगल यह सुविधा दे दे ।
1-वाह क्या बात है।
2- अच्छा है। ऐसे ही लिखते रहे।
3- वाह, लगता ही नही कि आपने लिखा है।
4- बहुत खूब। आभार, शुक्रिया, साधुवाद।
5- आपने तो मन को छू लिया।
6- आँखे नम हो गई।
7- मै इस पर लिखने की सोच रहा था पर आपने पहले ही लिख दिया।
8- हम आये थे। नोट कर लीजिये।
9- मेरे ब्लाग पर आपकी टिप्पणी नही आ रही है। जरा देखे।
10- बाहर हूँ पर पढ रहा हूँ। लिखते रहे।
11- मेरे ब्लाग का पता यह है, पधारे।
12- आपके व्यंग्य से डर लग रहा है। हमारी कुर्सी खतरे मे है।
13- ये फ़ोटो कैसे लगायी आपने।
14- मै कल आपसे मिलने आ रहा हूँ।
15- पर्व की बधाई/शुभकामनाए।
16-
कूट 16 छूटा नही है। यह मौन अभिव्यक्ति का कोड है।
बेनामी सन्देश के कूट
अ- दूसरे के लेख कब तक छापोगे यार। अपना भी कुछ लिखो।
ब- क्या लिखते हो यार।
स- तेरा मानसिक संतुलन बिगड गया है।
Comments
इस पर लिखने की सोच रहा था पर आपने पहले ही लिख दिया।
के बजाय
इस पर लिखने की सोच रहे थे पर आपने पहले ही लिख दिया।
ुताज्जुब नहीं होगा यदि कोई वास्तव में इसे लागू करने के लिए एक छोटा सा प्रोग्राम बना डाले।
जैसे कि:
१ आपका पत्र मिला ३, २.
५, ६.
२
१५
पोस्ट पूरी. अब टिपियाओ.
16
http://kakesh.com
आप का लेख पढा सब ठीक ठाक हे,बाकी आप कॊ होली की बधाई देने आया हु, नहि मे चाय या ठण्डा नही पीता, अपना उबला हुया पानी हमेशा साथ रखता हु,अरे भुल हि गया आप कॊ ओर आप की सुन्दरी को ओर आप के परिवार कॊ होली की शुभकानाये,
जब भी मेरी बधाई आप कॊ मिले पता देना, ओर वताना यह टिपण्णी ठीक हे या इस से भी अलग भेजे,छोटो को प्यार हम उम्र बालो को नमस्ते,बडो को चरण स्पर्श.
बधाई की इन्तजार मे
आप का
टिपण्णी कार