Posts

Showing posts from March, 2010

उन बाघों के बहाने जंगल की बातें जो १४११ की सूची में नहीं हैं, एक नयी लेखमाला

उन बाघों के बहाने जंगल की बातें जो १४११ की सूची में नहीं हैं| भाग-१ -पंकज अवधिया मातारानी के जंगल में बसने वाला बाघ "क्या वाकई यहाँ बाघ हैं?" मैंने अपने साथ चल रहे वन सुरक्षा समिति के सदस्य श्री शंकर से पूछा| "हां, बिल्कुल है| आप रात तक रुके आपको उसकी दहाड़ दूर से सुनायी देगी| हो सकता है कि आपको वह दिखाई भी दे दे|" शंकर की बात में आत्म-विश्वास साफ़ झलकता था| मुझे याद आता है कि इसी जंगल में भटकते हुए कुछ महीने पहले जब साथ चल रहे पारंपरिक चिकित्सक एक स्थान पर ठिठक गए तो मैंने कारण पूछा| उन्होंने कहा कि आगे वह गुफा है जिसका प्रयोग बाघ अक्सर करता है| गुफा से सड़े-गले मांस की बदबू आ रही थी| पारंपरिक चिकित्सको ने जोखिम उठाना सही नहीं समझा| हम उलटे पैर वापस आ गये| वैसे भी हम तो जडी-बूटियों के लिए वहां गए थे| जंगली जानवरों से दूरी रखना ही ठीक है| वापस लौटने के बाद मैंने जब अपने वन विभाग में काम कर रहे मित्रों से इस बारे में पूछा तो वे जोर से हंस पड़े और कहा कि यहाँ कहाँ बाघ है? ग्रामीणों ने आपको "बना...

अब हिन्दी विकीपीडिया भी चला चोरी की राह पर???

कुछ वर्षों पहले माननीय संजीव तिवारी जी के ब्लॉग पर मैंने पीले पलाश पर एक लेख लिखा था | आज जब मैं गूगल के माध्यम से इसे तलाश रहा था तो यही सामग्री विकीपीडिया में मिली | सामग्री कुछ घुमा-फिराकर लिखी गयी है पर कुछ वाक्य तो जस के तस हैं| अब इसमे इस चोर का नाम तो नहीं लिखा है पर मै प्रयासरत हूँ कि इसे बेनकाब किया जाए| http://hi.wikipedia.org/wiki/ पलाश ( इस लिंक के लिए कापी पेस्ट तकनीक अपनाए| सीधे क्लिक करने पर कुछ दूसरा ही पेज खुलता है | ) यदि ये महाशय अनुमति ले लेते या सामग्री का स्रोत लिख देते तो कुछ शराफत झलकती, इन्होने ने पूरा मैटर ही उड़ा लिया| पता चला कि इन्होने बहुत से लेखों को चुराया है इसी तरह हिन्दी सेवा के नाम पर| ज्यादातर ब्लॉगर से चुराई गयी सामग्री है| मै आगे इनका खुलासा करूंगा|

एक नया मातम "औषधीय मातम"

जी, आपने बिलकुल सही पढ़ा "औषधीय मातम" | हिन्दी शब्दकोश में यह एकदम नया है और यह गूगल की ओर से भेंट है| दरअसल कल मुझे एक मेल मिला जिसमे मुझसे "छत्तीसगढ़ में धान की फसल में औषधीय मातम" शीर्षक वाले लेख की एक प्रति माँगी गयी| औषधीय मातम पढ़कर मैं चौक गया| जब मैंने उनसे फिर से जानकारी माँगी तो पता चला कि गूगल का हिन्दी ट्रांसलेटर अंगरेजी के "मेडीसिनल वीड्स" का अनुवाद औषधीय खरपतवार की जगह औषधीय मातम कर रहा है| पता नहीं किस प्रकार के हिन्दी कम गूगल (ज्यादा) सेवक ने वीड्स के लिए मातम शब्द फीड किया है| अर्थ का अनर्थ हो गया | http://translate.google.com/#en|hi|Medicinal%20Weeds

मकोड़ा खाइए और मर्द बन जाइए

औषधीय मकोड़े रेड वेलवेट माईट पर मेरे शोध कार्यो को छत्तीसगढ़ के एक अखबार जनसत्ता ने बड़े ही रोचक ढंग से प्रकाशित किया था| आज जब मैंने इसपुरानी अखबारी कतरन को अपने ब्लॉग में डाला तो सहसा श्री राजकुमार सोनी जी के नाम पर नजर पडी, वे हिन्दी ब्लागिंग में सक्रीय है| उनकी रिपोर्टिंग ने इस शोध को सनसनीखेज बना दिया| मै उनके लेखन का सदा ही से कायल रहा हूँ| आप भी पढ़ें इसे मकोड़ा खाइए और मर्द बन जाइए