जीवनरक्षक जंगली मशरूम के अंतरराष्ट्रीय लुटेरे, सेन्हा फुटु और हानिकारक कीटों की बातें
सोमवार की जंगल यात्रा-३ जीवनरक्षक जंगली मशरूम के अंतरराष्ट्रीय लुटेरे, सेन्हा फुटु और हानिकारक कीटों की बातें - पंकज अवधिया घने जंगल में एक स्थान पर जब पारंपरिक चिकित्सक मुझे अकेला छोड़कर दूर पहाडी पर स्थिति मंदिर चले गए तो मैंने समय का सदुपयोग करने की ठानी| ड्रायवर भी पारंपरिक चिकित्सकों के साथ हो लिया था| गाडी के पास मैं था और आस-पास घना जंगल| कुछ देर तो खामोशी बड़ी पसंद आयी पर फिर यह खामोशी भी शोर मचाने लगी| जंगल में अकेले रहना बड़ा ही रोचक और कभी-कभी भयावह अनुभव होता है| आप बिना किसी सुरक्षा के खड़े होते हैं| किसी भी पल कुछ भी हो सकता है- बस यही भावना शरीर की सुरक्षा ग्रंथी को सक्रीय कर देती है और आप हाई अलर्ट मोड़ में आ जाते हैं| मैंने गाडी में बैठे रहने की बजाय आस-पास घूमने का मन बनाया| कुछ अजीब से कीड़ों की तस्वीर खीची| मुझे पनबिच्छू की चिंता थी| पत्तियों के पीछे छुपाकर बैठा यह कीट मजे से दुश्मनो से बचा रहता है| जैसे ही गलती से इसके शरीर पर दुश्मन का कोई भाग लगता है असहनीय दर्द से दुश्मन चीख पड़ता है और दूर हो जाता