रोज अस्पताल पहुंच रहे हजारों बच्चों को बचाने का कोई उपाय है आपके पास मनमोहन और रमन जी?
रोज अस्पताल पहुंच रहे हजारों बच्चों को बचाने का कोई उपाय है आपके पास मनमोहन और रमन जी? - पंकज अवधिया कुछ दिनों पहले ही छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और राजस्थान के अलवर जिले में दस से ज्यादा बच्चो ने फिर रतनजोत (जैट्रोफा) के बीज खा लिए| उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया| जब से रतनजोत का व्यापक रोपण आरम्भ हुआ है तब से हजारों बच्चो के अस्पताल पहुंचने का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है | अब तक पांच बच्चे रतनजोत खाकर मारे जा चुके हैं| हाल ही में विनराक इंटरनेशनल द्वारा जैव-ईधन पर एक बड़ा आयोजन पन्च सितारा होटल में किया गया जिसमे रतनजोत के गुणों का बखान किया गया| मजबूरीवश इस आयोजन में जा रहे प्रतिभागियों ने मुझसे पूछा कि आपकी ओर से आयोजकों को क्या कहना है? मैंने कहा कि ऐसे आयोजन के उदघाटन सत्र में कुछ पलों का मौन रखकर उन हजारो प्रभावित बच्चो को याद कर लिया जाये तो रतनजोत का अभिशाप झेल रहे हैं| पर आयोजकों ने इस राय को अनसुना कर दिया| वर्ष २००४ में ही मैंने रायपुर से छपने वाले दैनिक नवभारत के