रायपुर ब्लॉगर मीट : पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त?
कल जब संजीत ने हम सब को समझाने की कोशिश की तो मैंने पहल करके पहले महेश जी और फिर अनिल जी से बात की| विवाद समाप्त हुआ| सब कुछ शांत हो गया|
आज एक और आयोजक ने पोस्ट लिखी| लगता है कुछ लोगो को यह शान्ति रास नहीं आयी और वे चाहते है कि हम लड़ते रहे| मुझे नहीं लगता कि वे अपने मंसूबे में सफल होंगे|
कल विवाद समाप्त करने की घोषणा करने वाले महोदय भी इस नयी पोस्ट में आग को हवा देते दिख रहे है| जबकि विवाद ख़त्म करने में केवल और केवल भूमिका संजीत जी की रही|
अमन पसंद लोग संजीत को एक बधाई सन्देश अवश्य भेंजे|
आज एक और आयोजक ने पोस्ट लिखी| लगता है कुछ लोगो को यह शान्ति रास नहीं आयी और वे चाहते है कि हम लड़ते रहे| मुझे नहीं लगता कि वे अपने मंसूबे में सफल होंगे|
कल विवाद समाप्त करने की घोषणा करने वाले महोदय भी इस नयी पोस्ट में आग को हवा देते दिख रहे है| जबकि विवाद ख़त्म करने में केवल और केवल भूमिका संजीत जी की रही|
अमन पसंद लोग संजीत को एक बधाई सन्देश अवश्य भेंजे|
Comments
जब आपकी अनिल भैया से सीधे बात हो गई तो इन लोगों की बात का क्या टेंशन लेना……बस मुस्कुरा देने का इनकी बात पे, खुद ही खामोश हो जाएंगे।
टेंशन लेने का नई, ओनली देने का मामू
;)