जैव-विविधता को धता बताते हुये यूकिलिप्टस को बढावा
जैव-विविधता को धता बताते हुये यूकिलिप्टस को बढावा
(मेरी कान्हा यात्रा-8)
- पंकज अवधिया
“कान्हा और आस-पास के गाँव मे बडी मात्रा मे यूकिलिप्टस का रोपण किया जाना है। इसके लिये लगातार बैठके लेकर किसानो को प्रेरित किया जा रहा है कि वे इस विदेशी प्रजाति को बडे पैमाने पर लगाये।“ कान्हा पहुँचते ही मेरी मुलाकात श्री अमित से हुयी जो बफर जोन समिति के अध्यक्ष है। वे अपना एक मोटल चलाते है। उन्होने ने ही इस बैठक के बारे मे बताया। जैव-विविधता से पूर्ण कान्हा नेशनल पार्क के इतने करीब आस्ट्रेलियाई मूल के यूकिलिप्टस का रोपण समझ से परे है। आम जनता यूकिलिप्टस के बारे मे सब जानती है। देश जल संकट से गुजर रहा है और हमारे योजनाकार भूमिगत जल के शत्रु को बढावा दे रहे है। कान्हा की चिडियो को देखने दूर-दूर से लोग आते है। यूकिलिप्टस चिडियो के लिये अभिशाप है। इसकी पत्तियाँ जब जमीन मे गिरती है तो देर से सडती है। जमीन को सदा के लिये अम्लीय कर देती है। फिर यूकिलिप्टस से निकले एलिलोरसायन अपने आस-पास गिनी-चुनी वनस्पतियो को ही उगने देते है। यह जाने बगैर कि यूकिलिप्टस कान्हा की किन प्रजातियो को सीधे नुकसान पहुँचायेगा, इसे लगाने के लिये बकायदा बैठके ली जा रही है।
पार्क मे सफारी के दौरान मुझे बताया गया कि पलाश के पौधे बहुत तेजी से जंगल मे फैलते है। इससे कान्हा नेशनल पार्क के घास के मैदान खतरे मे पड रहे थे। इस कारण पार्क से बडे पैमाने पर पलाश को छाँटा गया। पलाश तो भारतीय मूल का पौधा है। इसके बहुत से प्राकृतिक शत्रु भी है। इसके बाद भी वह निर्बाध गति से फैल रहा है। यूकिलिप्टस के प्राकृतिक शत्रु नही है। यह आस्ट्रेलिया से अकेले आया। भारतीय वन्य जीव इसकी पत्तियाँ नही खाते। एक बार इसने कान्हा जैसे क्षेत्र मे कदम रखा नही कि इसे फैलने मे जरा भी समय नही लगेगा। पलाश को साफ करने वाले योजनाकार आखिर क्यो यूकिलिप्टस से होने वाले खतरे को नजरान्दाज कर रहे है, यह समझ से परे है।
श्री अमित ने कहा कि कागज उद्योग की बढती माँग के लिये यूकिलिप्टस की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। एक बडी कम्पनी ने इसकी खेती के लिये अभियान चलाया है। मैने पूछा कि क्या वे पौध सामग्री ही बेच रहे है या निश्चित खरीद के लिये किसानो से लिखित समझौता भी कर रहे है। उनका कहना था कि अभी तो केवल लगाने की बात है। खरीदने पर वे चुप है। इसका मतलब यही है कि किसानो को छला जा रहा है। पर कान्हा और आस-पास के गाँवो मे किसान पर्यटन उद्योग से जुडे हुये है। साल के तीन महिनो यानि बरसात मे जब पार्क बन्द रहता है तो ही वे खेती करते है। बाकी समय तो पर्यटको से फुरसत नही मिलती है। इसलिये इस बात की सम्भावना कम है कि किसान इस नयी योजना को अपनाये। उन्हे खाने के लिये अन्न चाहिये। वे यूकिलिप्टस पर शायद ही अपनी हामी भरे। श्री अमित ने कहा कि किसानो का इंकार यानि और अधिक बैठके और प्रलोभन।
“क्या कान्हा और उसके आस-पास हो रही इन गतिविधियो की खबर स्थानीय मीडिया को है?” मैने जब यह प्रश्न आम लोगो के सामने रखा तो अलग-अलग जवाब मिले। ज्यादातर ने कहा कि मीडिया की नजर टाइगर पर ही होती है क्योकि टाइगर की खबरे चाव से पढी जाती है। स्थानीय स्तर पर बहुत सी खबरे छपती है पर वे राष्ट्रीय स्तर पर नही पहुँच पाती है। कान्हा मे अपनी मनमानी करने वाले यह अच्छी तरह से जानते है। यही कारण है कि ऐसी गतिविधियाँ निरंतर जारी है। (क्रमश:)
(लेखक कृषि वैज्ञानिक है और वनौषधीयो से सम्बन्धित पारम्परिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण मे जुटे हुये है।)
© सर्वाधिकार सुरक्षित
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(मेरी कान्हा यात्रा-8)
- पंकज अवधिया
“कान्हा और आस-पास के गाँव मे बडी मात्रा मे यूकिलिप्टस का रोपण किया जाना है। इसके लिये लगातार बैठके लेकर किसानो को प्रेरित किया जा रहा है कि वे इस विदेशी प्रजाति को बडे पैमाने पर लगाये।“ कान्हा पहुँचते ही मेरी मुलाकात श्री अमित से हुयी जो बफर जोन समिति के अध्यक्ष है। वे अपना एक मोटल चलाते है। उन्होने ने ही इस बैठक के बारे मे बताया। जैव-विविधता से पूर्ण कान्हा नेशनल पार्क के इतने करीब आस्ट्रेलियाई मूल के यूकिलिप्टस का रोपण समझ से परे है। आम जनता यूकिलिप्टस के बारे मे सब जानती है। देश जल संकट से गुजर रहा है और हमारे योजनाकार भूमिगत जल के शत्रु को बढावा दे रहे है। कान्हा की चिडियो को देखने दूर-दूर से लोग आते है। यूकिलिप्टस चिडियो के लिये अभिशाप है। इसकी पत्तियाँ जब जमीन मे गिरती है तो देर से सडती है। जमीन को सदा के लिये अम्लीय कर देती है। फिर यूकिलिप्टस से निकले एलिलोरसायन अपने आस-पास गिनी-चुनी वनस्पतियो को ही उगने देते है। यह जाने बगैर कि यूकिलिप्टस कान्हा की किन प्रजातियो को सीधे नुकसान पहुँचायेगा, इसे लगाने के लिये बकायदा बैठके ली जा रही है।
पार्क मे सफारी के दौरान मुझे बताया गया कि पलाश के पौधे बहुत तेजी से जंगल मे फैलते है। इससे कान्हा नेशनल पार्क के घास के मैदान खतरे मे पड रहे थे। इस कारण पार्क से बडे पैमाने पर पलाश को छाँटा गया। पलाश तो भारतीय मूल का पौधा है। इसके बहुत से प्राकृतिक शत्रु भी है। इसके बाद भी वह निर्बाध गति से फैल रहा है। यूकिलिप्टस के प्राकृतिक शत्रु नही है। यह आस्ट्रेलिया से अकेले आया। भारतीय वन्य जीव इसकी पत्तियाँ नही खाते। एक बार इसने कान्हा जैसे क्षेत्र मे कदम रखा नही कि इसे फैलने मे जरा भी समय नही लगेगा। पलाश को साफ करने वाले योजनाकार आखिर क्यो यूकिलिप्टस से होने वाले खतरे को नजरान्दाज कर रहे है, यह समझ से परे है।
श्री अमित ने कहा कि कागज उद्योग की बढती माँग के लिये यूकिलिप्टस की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। एक बडी कम्पनी ने इसकी खेती के लिये अभियान चलाया है। मैने पूछा कि क्या वे पौध सामग्री ही बेच रहे है या निश्चित खरीद के लिये किसानो से लिखित समझौता भी कर रहे है। उनका कहना था कि अभी तो केवल लगाने की बात है। खरीदने पर वे चुप है। इसका मतलब यही है कि किसानो को छला जा रहा है। पर कान्हा और आस-पास के गाँवो मे किसान पर्यटन उद्योग से जुडे हुये है। साल के तीन महिनो यानि बरसात मे जब पार्क बन्द रहता है तो ही वे खेती करते है। बाकी समय तो पर्यटको से फुरसत नही मिलती है। इसलिये इस बात की सम्भावना कम है कि किसान इस नयी योजना को अपनाये। उन्हे खाने के लिये अन्न चाहिये। वे यूकिलिप्टस पर शायद ही अपनी हामी भरे। श्री अमित ने कहा कि किसानो का इंकार यानि और अधिक बैठके और प्रलोभन।
“क्या कान्हा और उसके आस-पास हो रही इन गतिविधियो की खबर स्थानीय मीडिया को है?” मैने जब यह प्रश्न आम लोगो के सामने रखा तो अलग-अलग जवाब मिले। ज्यादातर ने कहा कि मीडिया की नजर टाइगर पर ही होती है क्योकि टाइगर की खबरे चाव से पढी जाती है। स्थानीय स्तर पर बहुत सी खबरे छपती है पर वे राष्ट्रीय स्तर पर नही पहुँच पाती है। कान्हा मे अपनी मनमानी करने वाले यह अच्छी तरह से जानते है। यही कारण है कि ऐसी गतिविधियाँ निरंतर जारी है। (क्रमश:)
(लेखक कृषि वैज्ञानिक है और वनौषधीयो से सम्बन्धित पारम्परिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण मे जुटे हुये है।)
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Updated Information and Links on March 15, 2012
Related Topics in Pankaj Oudhia’s Medicinal Plant Database at http://www.pankajoudhia.com
Pityrogramma calomelanos (L.) LINK in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (7 Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Andhra Pradesh; Not mentioned in ancient literature
related to different systems of medicine in India and other countries;
Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-7; Mango trees growing under stress are
preferred for collection of leaves; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Plantago erosa WALL. IN ROXB. in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (12 Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Jharkhand; Not mentioned in ancient literature related
to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Plantago major L. in
Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal
Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (8 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Andhra Pradesh; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Plectranthus fruticosus WIGHT EX HOOK. F. in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (50 Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Chhattisgarh; Not mentioned in ancient literature
related to different systems of medicine in India and other countries;
Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया
के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Plectranthus japonicus (BURM.F) KOIDZ. in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (8a Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Andhra Pradesh; Not mentioned in ancient literature
related to different systems of medicine in India and other countries;
Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया
के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Plectranthus mollis (AITON) SPLRENG. in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (9 Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Andhra Pradesh; Not mentioned in ancient literature
related to different systems of medicine in India and other countries;
Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया
के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Plectranthus nilgherricus BENTH. in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (9a Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Andhra Pradesh; Not mentioned in ancient literature
related to different systems of medicine in India and other countries;
Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया
के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Pleiospermium alatum (WALL. EX WT. & ARN.)
SURINGLE. in Pankaj Oudhia’s Research
Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding
Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke
liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (37 Herbal
Ingredients, Tribal Formulations of Andhra Pradesh; Not mentioned in ancient
literature related to different systems of medicine in India and other
countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; Mango trees growing under stress are
preferred for collection of leaves; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Pleopeltis macrocarpa (BORRY EX WILLD.) KAULF. in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (30 Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Andhra Pradesh; Not mentioned in ancient literature
related to different systems of medicine in India and other countries;
Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-7; पंकज अवधिया
के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Pleurostylia opposita (WALL.) ALSTON in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (11 Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Jharkhand; Not mentioned in ancient literature related
to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Plumbago indica L. in
Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal
Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (35 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Andhra Pradesh; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Plumbago zeylanica L.
in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines
(Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (52 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Chhattisgarh; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-8; Mango and Genda are treated with Herbal Solutions 15 days before
collection of leaves; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के
लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Plumeria alba L. in
Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal
Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (20 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Andhra Pradesh; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; Indigenous Mango Trees are preferred for collection of leaves,
Disease and insect free leaves are used; पंकज अवधिया के
शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Plumeria rubra L.(CULT.)
in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines
(Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (8 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Tamil Nadu; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Plumieria alba L. in
Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal
Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (9 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Tamil Nadu; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Plumieria rubra L. in
Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal
Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (9 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Jharkhand; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; Mango and Genda are treated with Herbal Solutions 15 days before
collection of leaves; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के
लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Poeciloneuron indicum BEDD.
in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines
(Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (55 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Chhattisgarh; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; Indigenous Mango Trees are preferred for collection of leaves,
Disease and insect free leaves are used; पंकज अवधिया के
शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Poeciloneuron pauciflorum BEDD. in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (11 Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Tamil Nadu; Not mentioned in ancient literature related
to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
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