अन्ध-विश्वास के साथ मेरी जंग : कुछ अनुभव -12

अन्ध-विश्वास के साथ मेरी जंग : कुछ अनुभव -12
- पंकज अवधिया
जंगलो मे अक्सर पहाडी नालो के साथ तरह-तरह की आकृति वाली शाखाए बहकर आ जाती है। छत्तीसगढ के भिम्भौरा गाँव की एक लडकी को ऐसे ही नाले से एक लकडी का टुकडा मिला जो कि बह कर आया था। उसने उसे ध्यान से देखा तो उससे प्रकाश निकल रहा था। लकडी से अपने आप प्रकाश निकलना उसके लिये अनहोनी बात थी। उसने इसे अपने पास रख लिया और गाँव ले आयी। गाँव मे यह खबर जंगल मे आग की तरह फैल गयी ठीक उसी तरह जिस तरह गणेश जी के दूध पीने की खबर लन्दन से लेकर देश भर मे सभी जगह फैल गयी थी। लोग इकठ्ठे हो गये। बुजुर्ग भी एकत्र हुये। उनके लिये भी यह अजूबा था। उन्होने न तो इसके बारे मे सुना था न ही कभी देखा था। यह सब के लिये किसी चमत्कार से कम नही था। इसे चमत्कार मानते हुये इसकी पूजा आरम्भ हो गयी है और इसे लाने वाली बालिका की भी पूजा होने लगी। नारियल और प्रसाद बँटने लगे। जैसे ही यह खबर फैली दूर-दूर से लोग आने लगे और मेले जैसा दृश्य हो गया।
बात रायपुर तक भी पहुँची। उस समय छत्तीसगढ मध्यप्रदेश का ही एक हिस्सा था। शहर से पत्रकार भी पहुँच गये। अन्ध-विश्वास पर काम करने वाली संस्था भी सक्रिय हो गयी। उस समय मै उसका सदस्य नही था। संस्था के लोग गाँव पहुँचे और लोगो को बताना शुरु किया कि यह चमत्कार नही है। एक वनस्पति विज्ञानी के सन्दर्भ से कहा गया कि इस चमक का कारण लकडी के ऊपर जमी फंगस हो सकती है। वैज्ञानिक साहित्यो मे इस तरह के फंगस का वर्णन मिलता है। यह वनस्पति विज्ञानी का मात्र कयास था। इसी आधार पर गाँव के लोगो को समझाया गया और फिर उनसे पूजा-पाठ बन्द करने को कहा गया। गाँव वालो ने विरोध किया और जैसा कि उस समय के अखबारो ने प्रकाशित किया कि काफी मुश्किल के बाद उन्होने पूजा-पाठ बन्द किया। संस्था का यह कारनामा सुर्खियो मे छाया रहा। फिर धीरे-धीरे बात आयी गयी हो गयी।
उस घटना के बाद मै देश भर के जंगलो मे घूमा और लोगो से इस तरह की लक़डी के बारे मे पूछा तो सभी ने इस विषय मे जानकारी होने से इंकार कर दिया। मैने देश के वैज्ञानिक साहित्यो को भी खंगाला पर मुझे कही भी इस तरह की लकडी के विषय मे जानकारी नही मिली। विज्ञान सम्मेलनो मे इस बारे मे मंच से सवाल किया तो वैज्ञानिक मित्रो ने इसे मजाक समझा। संस्था का सदस्य बनने के बाद मैने यह पता लगाने की कोशिश की कि उस घटना के बाद लकडी गयी कहाँ? मुझे बताया गया कि उस वनस्पति विज्ञानी के पास लकडी अंतिम बार देखी गयी है। कुछ ने बताया कि लकडी गाँव मे ही रह गयी थी। उसका प्रकाश मध्यम हो गया था। और कोई जानकारी नही मिली। वर्षो बाद मै उस गाँव मे पहुँचा इस उम्मीद मे कि शायद लकडी मिल जाये और उस लडकी से भी बात हो जाये। हो सकता है इस तरह की और लकडी बहकर आयी हो। पर निराशा ही हाथ लगी। मैने अपने अंग्रेजी लेखो मे जब इस घटना का जिक्र किया तो अमेरिका सहित दूसरे बडे देशो से वैज्ञानिको के सन्देश आने लगे। उन्होने कहा कि यदि यह लकडी खो गयी है तो समझ लिये इससे विश्व के वैज्ञानिक जगत को बडी क्षति हुयी है। चाहे प्रकाश कितना भी निकलता हो यदि वह लकडी आज होती तो इस पर वृहत अनुसन्धान हो रहे होते।
मै लकडी के एकत्र किये जाने से लेकर इसकी पूजा-पाठ बन्द करने के घटनाक्रम को कुछ इस तरह से देखना चाहता यदि उस समय मौका मिलता तो। जैसे ही इसके विषय मे सूचना मिली इसकी गम्भीरता को समझते हुये समाजसेवियो को गाँव जाकर उस लडकी को ऐसी अद्भुत चीज दुनिया के सामने लाने के लिये धन्यवाद कहना चाहिये था। उसने इसे लाकर कोई जुर्म तो किया नही था। फिर उससे विस्तार से इसके विषय मे जानकारी लेनी चाहिये थी। उस स्थान पर जाना चाहिये था जहाँ से यह मिली थी। हो सकता है कि कुछ और नमूने मिल जाते। इसकी तस्वीर देशभर मे छपवानी चाहिये थी ताकि वनीय क्षेत्र मे रहने वाले लोग नयी जानकारी दे सके। वनस्पति विज्ञानी को कयास लगाने की बजाय राष्ट्रीय स्तर के वैज्ञानिको से सलाह लेनी चाहिये थी। जरुरत पडने पर उन्हे यहाँ आमंत्रित करना था। ऐसी दुर्लभ लक़डी आखिर राष्ट्र की सम्पत्ति थी जो अब खो चुकी है और जिसका रहस्य अभी तक रहस्य ही है। पूजा-पाठ बन्द करवाने का उद्देश्य इसे बन्द कराने वाले ही जाने पर मुझे लगता है कि अपनी शान दिखाने के नाम पर आनन-फानन मे मामले को निपटा दिया गया और इस घटना को भुला दिया गया।
आज भी वनीय अंचलो से बहुत सी अजूबे भरी चीजे शहरो तक पहुँचती है। पर ज्यादातर मामलो मे शहर मे बैठे विशेषज्ञ क्लिष्ट शब्दो मे इसकी व्याख्या कर अपनी विद्वता प्रदर्शित करने का मौका नही छोडते है। मीडिया विशेषज्ञो के साथ होता है। वनवासी की आवाज कोई भी सामने नही लाता। परिणामस्वरुप बहुत से भागो मे ग्रामीण युवा अपने बुजुर्गो के ज्ञान को अन्ध-विश्वास मानने लगे है। वे स्कूल-कालेजो मे जाते है और आधुनिक शिक्षा ग्रहण करते है। इस शिक्षा मे बुजुर्गो के ज्ञान का एक भी अंश शामिल नही किया जाता है। जब मै सुदूर गाँवो मे बुजुर्गो के पास बैठकर उनसे इस ज्ञान की चर्चा करता हूँ तो वे आश्चर्यचकित हो जाते है। धीरे-धीरे दिव्य ज्ञान का भंडार लिये यह पीढी हमारे बीच से जा रही है। हमे इससे बहुत बडी क्षति हो रही है। इसलिये मै बार-बार उम्र के अंतिम पडाव मे पहुँच चुके इन असली विशेषज्ञो को महत्व देने की गुहार योजनाकर्ताओ से करता रहता हूँ। भले ही ये पुराने समझे जाने लगे पर भविष्य़ के सफल भारत की असली कुंजी इन्ही के पास है। (क्रमश:)
(लेखक कृषि वैज्ञानिक है और वनौषधीयो से सम्बन्धित पारम्परिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण मे जुटे हुये है।)
© सर्वाधिकार सुरक्षित

Updated Information and Links on March 15, 2012

New Links



Related Topics in Pankaj Oudhia’s Medicinal Plant Database at http://www.pankajoudhia.com




Ormocarpum cochinchinense (LOUR.) MERR.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (8c Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Bihar; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Ormosia travancoria BEDD.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (18 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Bihar; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-6; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Oroxylum indicum (L.) VENT.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (22 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Bihar; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Orthosiphon aristatus (BL.) MIQ.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (18 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Chhattisgarh; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Orthosiphon rubicundus BENTH.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (9 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Rajasthan; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; Indigenous Mango Trees are preferred for collection of leaves, Disease and insect free leaves are used; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Orthosiphon thymiflorus (ROTH.) SLEASEN  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (12 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Orissa; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Oryza rufipogon GRIFF.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (10 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Rajasthan; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Osbeckia stellata KER-GAWL.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (12 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Rajasthan; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Osbeckia zeylanica L.F.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (13 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Rajasthan; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Osyris quadripartita SALZ EX DECNE  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (19 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Chhattisgarh; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-8; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Ottelia alismoides (L.) PERS.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (14 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Rajasthan; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-6; Indigenous Mango Trees are preferred for collection of leaves, Disease and insect free leaves are used; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
nt-famm � M n �0 ��+ scii-font-family:Arial;mso-hansi-font-family:Arial; color:black'>गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
so- � - a �0 ��+ '> पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Ocimum gratissimum L.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (14 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Chhattisgarh; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-7; Mango and Genda are treated with Herbal Solutions 15 days before collection of leaves; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Ocimum tenuiflorum L.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (14c Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Orissa; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Oldenlandia auricularia K.SCHUM.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (20 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of West Bengal; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; Indigenous Mango Trees are preferred for collection of leaves, Disease and insect free leaves are used; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Oldenlandia corymbosa L.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (21 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of West Bengal; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Oldenlandia herbacea (L.) ROXB.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (45 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of West Bengal; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Oldenlandia umbellata L.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (15 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Chhattisgarh; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
Olea dioica ROXB.  in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids):  Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (7 Herbal Ingredients, Tribal Formulations of Bihar; Not mentioned in ancient literature related to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों का प्रयोग),
:

Comments

कोई भी चीज कुछ अलग सी दिखाई दे, उस के बारे में जानने की कोशिश करने के बजाए उस की पूजा शुरू कर दी जाती है। यह आदिम समाज का गुण है।
लगता है हम अभी भी आदिम समाज का गुण है।
Udan Tashtari said…
निश्चित ही जगत अजूबों से भरा है..मगर गहन अध्ययन पर विज्ञान विजय प्राप्त कर ही लेता है. यह कोई अन्ध विश्वास नहीं बस शोध का विषय है जिस पर अब तक नजर नहीं गई है. आप बहुत महत्वपूर्ण विषय पर कार्य कर रहे हैं, अनेकों शुभकामनाऐं.

Popular posts from this blog

अच्छे-बुरे भालू, लिंग से बना कामोत्तेजक तेल और निराधार दावे

स्त्री रोग, रोहिना और “ट्री शेड थेरेपी”

अहिराज, चिंगराज व भृंगराज से परिचय और साँपो से जुडी कुछ अनोखी बाते