अन्ध-विश्वास के साथ मेरी जंग : कुछ अनुभव -5
अन्ध-विश्वास के साथ मेरी जंग : कुछ अनुभव -5
- पंकज अवधिया
हमारे एक मित्र मजाक मे कहते है कि क्या कभी आपने नीबू-मिर्च का अर्थशास्त्र जानने की कोशिश की है? नीबू-मिर्च का अर्थशास्त्र? मै चौका तो वे बोले हाँ उसी नीबू-मिर्च का अर्थशास्त्र जिसे लोग बुरी नजर से बचने अपनी दुकानो और गाडियो के सामने लगाते है। इसकी अपनी अलग अर्थव्यवस्था है। आप भले ही इसे अन्ध-विश्वास कहे पर इस पर आम लोगो की गहरी आस्था है और यह बढती ही जा रही है। इसका परिणाम यह हो रहा है कि नीबू और मिर्च का भी बाजार बढ रहा है। यदि आप मुम्बई जैसे महानगरो मे सिर्फ इसी काम के लिये लगने वाले नीबू-मिर्च की गणना करेंगे तो इनसे लदे ट्रको से हो रहे ट्रेफिक जाम का चित्र आपके सामने आ जायेगा। इस तरह के बहुत से अन्ध-विश्वास समाज की आर्थिक व्यवस्था से जुडे है। कभी किसी ने आँकलन नही किया पर विशेष प्रकार की माला और ताबीज बनाने पर एक पूरा उद्योग निहित है। खास लोगो के लिये बनी रुद्राक्ष की माला आज सभी वर्ग के लोगो के लिये उपलब्ध है। प्लास्टिक से लेकर रबर के बने रुद्राक्ष लोग गले मे पहने हुये है और मान रहे है कि इसका असर हो रहा है। एक अनुमान के अनुसार जितना रुद्राक्ष आज बाजार मे है यदि सचमुच मे इतना असली रुद्राक्ष होता तो दुनिया के एक बडे हिस्से मे इसके ही पेड होते। खुलेआम भयादोहन किया जा रहा है। वे बोलते रहे और मै उन्हे सुनता रहा। आप भारत को ही अन्ध-विश्वासी कहेंगे पर रुद्राक्ष का बाजार पूरी दुनिया मे है। आखिर दूसरे देशो मे भी तो लोग रातोरात अमीर बनना चाहते है। उन्हे भी तो नीन्द नही आती और आज की भाग-दौड की दुनिया मे वे भी तो नाना प्रकार के रोगो से परेशान है। अब हम चीन के मेढक और हँसने वाले गुड्डे को अपने घर मे रखकर उनसे शांति लाने की उम्मीद नही करते है?
भले ही कटु लगे पर यह आज का सत्य है जिसे उस मित्र ने खुलकर प्रगट कर दिया। यदि कोई यह कहता है कि लोगो को शिक्षित करने से अन्ध-विश्वास मे कमी आती है तो यह सही नही है। आज आधुनिक समाज मे जितना अधिक अन्ध-विश्वास फैला है उतना तो ग्रामीण समाज मे नही है। हाँ, आधुनिक समाज मे यह इतनी आसानी से दिखता नही है क्योकि इसे विश्वास या आस्था कह दिया जाता है। अन्ध-विश्वास फैलाने वाले डंके की चोट पर अपना साम्राज्य जमाये हुये है। सबके अपने गुट है और संगठन है। इनके अन्ध-विश्वास से आज का बाजार जुडा हुआ है। और बाजार के विरुद्ध मुहिम चलाना तो आसान है पर बाजार से जीत पाना बेहद मुश्किल। आपका भयादोहन अन्ध-विश्वास फैलाने वाले करते है और फिर इस भय से मुक्ति की सामग्री आज का आधुनिक बाजार उपलब्ध करवाता है। यह एक ताना-बाना सा बनता जा रहा है जिसे अलग कर पाना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे मे अन्ध-विश्वास के खिलाफ नारा बुलन्द करना भीड से अपने को अलग करना है।
रोज अन्ध-विश्वास की परिभाषा बदल रही है। ज्यादातर अन्ध विश्वास विश्वास की रजिस्टर्ड श्रेणी मे आ रहे है। भले ही हम चैनल वालो को कोसे पर असलियत यही है कि हमे जो पसन्द है उसे ही वे परोस रहे है। अब हम अपनी गल्ती को छुपाने दूसरो पर आरोप लगा रहे है। आने वाले वर्षो मे ऐसा लगता है कि अन्ध-विश्वास घटने की बजाय बढेगा और यह हमारे गाँवो से निकलकर हमेशा के लिये शहरो मे बस जायेगा।
रात मे पेड कार्बन डाइआक्साइड छोडते है इसलिये इनके नीचे नही जाना चाहिये। यही कारण है कि रात को मरीज के पास रखा गुलदस्ता हटा दिया जाता है। यह सब हमने प्रायमरी की किताबो मे पढा है और परीक्षाए पास की है। अब उन लोगो को क्या कहियेगा जो रात के कार्यक्रमो मे अपने सामने बाँस के पौधो से भरा कप लेकर बैठते है। यह चीन का अन्ध-विश्वास है कि बाँस का छोटा पौधा आपके जीवन को सुखमय बना देता है। इसलिये अब सुविधा के लिये कप मे इसे उगाकार दुकानो मे बेचा जा रहा है। रात को इसे सिरहाने पर रखा जा रहे है ताकि जब आप नीन्द मे हो तो भी समृद्धि आने का क्रम न रुके। क्या अपने देश मे अन्ध-विश्वासो की कमी हो गयी थी जो चीन जैसे देशो के अन्ध-विश्वासो को हम आमंत्रण दे रहे है?
यदि आप किसी ग्रामीण से बाँस के आस-पास रहने को कहेंगे तो वह साफ मना कर देगा। ग्रामीण विशेषज्ञो से मिलेंगे तो वे आपको बाँस से होकर आने वाली हवा के दोषो के विषय मे बतायेंगे। ये वे ही विशेषज्ञ होंगे जिन्हे आधुनिक समाज नीम-हकीम का दर्जा देता आया है। पर जब आप उनकी बातो की सत्यता परखने की कोशिश करेंगे तो आपको ढेरो सन्दर्भ प्राचीन ग्रंथो मे उनकी बातो के समर्थन मे मिल जायेंगे। मुझे तो लगता है कि समाज मे फैले अन्ध-विश्वास को खत्म करने के साथ ही यह जरुरी है कि नित जन्म ले रहे नये अन्ध-विश्वासो के विरुद्ध अलख भी जलायी जाये। (क्रमश:)
(लेखक कृषि वैज्ञानिक है और वनौषधीयो से सम्बन्धित पारम्परिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण मे जुटे हुये है।)
Updated Information and Links on March 15, 2012
Related Topics in Pankaj Oudhia’s Medicinal Plant Database at http://www.pankajoudhia.com
Peristrophe paniculata (FORSK.) BRUMMITT in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (10a Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Maharashtra; Not mentioned in ancient literature related
to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Perotis indica (L.) KUNTZE
in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines
(Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (28 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Tamil Nadu; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; Indigenous Mango Trees are preferred for collection of leaves,
Disease and insect free leaves are used; पंकज अवधिया के
शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Persea macrantha (NEES) KOST. in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (10b Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Maharashtra; Not mentioned in ancient literature related
to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Petrea volubilis GAERTN.
in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines
(Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (25 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Chhattisgarh; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Phaseolus lunatus L. in
Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines (Tribal
Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (10c Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Maharashtra; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; Indigenous Mango Trees are preferred for collection of leaves,
Disease and insect free leaves are used; पंकज अवधिया के
शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Phaseolus sublobatus ROXB.
in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines
(Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (25 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Tamil Nadu; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Phaulopsis dorsiflora (RETZ.) SANTAPAU in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (10d Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Maharashtra; Not mentioned in ancient literature related
to different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Phaulopsis imbricata (FORSK.) SWEET in Pankaj Oudhia’s Research Documents on
Indigenous Herbal Medicines (Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles
(Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda
(Tagetes) and Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (5 Herbal Ingredients,
Tribal Formulations of Orissa; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Phoebe wightii MEISSN.
in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines
(Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (11 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Maharashtra; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Phoenix humilis ROYLE
in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines
(Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog (8 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Uttarakhand; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-5; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी
बवासिर के लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Phoenix loureirii KUNTH
in Pankaj Oudhia’s Research Documents on Indigenous Herbal Medicines
(Tribal Herbal Practices) for Bleeding Piles (Hemorrhoids): Khooni Bawasir ke liye Genda (Tagetes) and
Aam (Mangifera) ki Pattiyon ka Prayog 26 Herbal Ingredients, Tribal
Formulations of Maharashtra; Not mentioned in ancient literature related to
different systems of medicine in India and other countries; Popularity of
Formulation (1-10) among the Young Healers-6; Mango trees growing under stress are preferred for collection of
leaves; पंकज अवधिया के शोध दस्तावेज: खूनी बवासिर के
लिए गेंदे और आम की पत्तियों
का प्रयोग),
Comments
घुघूती बासूती
सीताफल के लाभ भी पहली बार जाने... आपके लेख बहुत जानकारी लिए होते हैं.