आप भी मिले मेरे मधुका मित्र से जिन्होने असंख्य लोगो को नया जीवन दिया है

मेरी जंगल डायरी से कुछ पन्ने-53
- पंकज अवधिया

आप भी मिले मेरे मधुका मित्र से जिन्होने असंख्य लोगो को नया जीवन दिया है

इंटरनेट पर सोशल नेटवर्किग साइटो मे मेरे इन असंख्य मित्रो के नाम नही मिलते है पर फिर भी मै उनसे जुडा हुआ हूँ। इनकी संख्या करोडो मे है पर मै अभी तक कुछ लाख मित्रो से अच्छे से मिल पाया हूँ। इन मित्रो के विषय़ मे मैने विस्तार से जानकारियाँ एकत्र की है। आशा है ये जानकारियाँ एक दिन आन-लाइन होंगी और मेरे ये मित्र आप सबके मित्र बन सकेंगे। आज एक ऐसे बुजुर्ग मित्र से मै आपको मिलवा रहा हूँ जो उडीसा मे आसन जमाये हुये है। इन वृक्ष मित्र को मै प्रेम से मधुका कहता हूँ। मेरे असंख्य मधुका मित्र है पर इनकी बात ही निराली है। आप के सामने सीजीबीडी डेटाबेस मे अंकित जानकारियाँ यहाँ संक्षेप मे प्रस्तुत है:

वृक्ष कहाँ पर है: उडीसा के पर्यटन स्थल नर्सिंगनाथ जाने के रास्ते मे बायी ओर। यह रास्ता नुआपाडा से नरसिंगनाथ की ओर जाता है।

वृक्ष का हिन्दी नाम:महुआ

वृक्ष का अंग्रेजी नाम: मधुका इंडिका

वृक्ष की आयु: सौ साल से अधिक

वृक्ष का सीजीबीडी डेटाबेस मे क्रमाँक:
85444

वृक्ष के आस-पास क्या जंगल है:पहले थे। अब तो सब साफ हो रहे है।

वृक्ष के आस-पास कैसी वनस्पतियाँ है: मौसम के अनुसार अलग-अलग प्रजाति की छोटी वनस्पतियाँ उगती है। इस वृक्ष के पास बीजा का एक पुराना वृक्ष है।

कितने प्रकार के पक्षी साल भर इस वृक्ष मे आते है: मैने पच्चीस प्रजातियो को अब तक देखा है। स्थानीय लोग इससे कही अधिक प्रजातियो के नाम बताते है।

क्या वृक्ष पर किसी पक्षी का स्थायी घोसला है: हर यात्रा के दौरान तीन से चार घोसले दिख जाते है।

वृक्ष के पास कितनी बार जा चुके है?: मै पिछले एक दशक मे 18 बार जा चुका हूँ।

क्या सभी यात्राओ की तस्वीरे है?: हाँ, सभी यात्राओ की तस्वीरे है। ये यात्राए अलग-अलग मौसम मे हुयी इसलिये इन तस्वीरो मे बडी विविधताए है।

कितने प्रकार के कीट इस वृक्ष पर देखे जा चुके है: मैने नौ प्रजाति के ऐसे कीटो को अब तक देखा है जो इस के विभिन्न पौध भागो को खाते है।

क्या मित्र कीट भी इस वृक्ष पर देखे गये है: धान की फसल के हानिकारक कीटो को खाने वाले मित्र कीट बडी संख्या मे इस वृक्ष मे आश्रय लेते है।

क्या किसान इस वृक्ष का उपयोग करते है?: हाँ, किसान विशेषकर बुजुर्ग किसान इसकी शाखाओ को अपने खेतो मे गाड देते है। शाखाओ को सिंचाई नालियो मे भी डाल दिया जाता है। वे कहते है कि इससे कीटो का प्रकोप कम होता है। वे महुआ के साथ दूसरी वनस्पतियो का भी प्रयोग करते है। महुये की पत्तियो का सत्व खरपतवारो के सत्व के साथ मिलाकर सब्जियो मे रोग नियंत्रण किया जाता है।

कितने प्रकार के सर्प इस वृक्ष मे देखे गये है: मैने तीन प्रकार के सर्प अब तक देखे है इस वृक्ष पर।

क्या आस-पास के लोग इस वृक्ष की पूजा करते है?: हाँ, साल मे कई बार। बहुत से घरो मे विवाह के बाद वर-वधू को इस वृक्ष की परिक्रमा करने को कहा जाता है।

क्या इसकी जडो का कोई उपयोग किया जाता है?: जडो से औषधीयाँ बनायी जाती है। डेढ सौ से अधिक नुस्खो मे इसकी जड का उपयोग किया जाता है।


क्या इसकी छाल का कोई उपयोग है?: हाँ, छाल से सिकल सेल एनीमिया के रोगियो की चिकित्सा की जाती है। छाल को तीन सौ से अधिक नुस्खो मे प्रयोग किया जाता है।

क्या इसकी शाखाओ का कोई उपयोग है?: हाँ, जिस घर मे शादी होने वाली रहती है वहाँ द्वार पर इन शाखाओ को टांगा जाता है। हरेली के दिन भी ऐसा ही किया जाता है।

क्या इसके फूलो का कोई उपयोग है?: हाँ, फूलो की शराब जनप्रिय है। पारम्परिक विधियो से बनी इस शराब को संतुलित मात्रा मे स्वास्थ्य के लिये अच्छा माना जाता है। हीमोफीलिया के रोगियो के लिये इस शराब का आँतरिक और बहारी प्रयोग होता है।

क्या इसके फलो का कोई उपयोग है?: फलो को खाया जाता है और इसका तेल भी बनाया जाता है। तेल का प्रयोग पच्चीस रोगो की चिकित्सा मे होता है।

क्या पूरे वृक्ष का कोई उपयोग है?: प्रथम वर्षा का जल एकत्र करने वाले पारम्परिक चिकित्सक इस वृक्ष से जल एकत्र करते है और वर्ष भर इसका प्रयोग करते है। इसकी छाँव का प्रयोग भी रोगियो के लिये किया जाता है। इसकी जड के पास से एकत्र की गयी मिट्टी से नाना प्रकार के रोगो की चिकित्सा की जाती है।

क्या स्थानीय लोग इससे जुडी कोई कहानी या कथा बताते है?: हाँ, बहुत पहले यहाँ अकाल पडा था। उस समय जंगल ने स्थानीय लोगो को सहारा दिया था। जिन वृक्षो का धन्यवाद करते वे नही थकते है उनमे यह भी है।

क्या इससे प्राप्त भागो को स्थानीय लोग एकत्र करके धनार्जन करते है?: हाँ, इसकी तस्वीरे डेटाबेस मे है।

कितने पारम्परिक चिकित्सक इस वृक्ष से पौध भाग एकत्र करते है?: पचास से अधिक। दूर-दूर से भी पारम्परिक चिकित्सक आते है।

इस वृक्ष ने अब तक कितने लोगो को जीवन दान दिया है?: असंख्य पर इसका कोई दस्तावेज नही है।

क्या पारम्परिक चिकित्सक इस वृक्ष को औषधीय गुणो से परिपूर्ण करने के लिये कुछ उपाय करते है?: हाँ, दीपावली के समय जंगली कन्दो के सत्वो से इसे सींचा जाता है।

क्या तांत्रिक इस वृक्ष के पास आते है?: हरेली और दीपावली के समय उनकी बैठक इसकी छाँव मे होती है।

क्या इस वृक्ष पर बान्दा है?: हाँ, है। स्थानीय लोग बताते है कि पहले वाला बान्दा सूख चुका है। पिछले साल से नये बान्दे ने अपना फैलाव आरम्भ किया है। इसकी तस्वीर ली गयी है।

क्या इन बान्दा का कोई स्थानीय उपयोग है?:
बान्दा के लिये स्थानीय लोगो और पारम्परिक चिकित्सको मे मारामारी मची रहती है। इसके औषधीय उपयोग है। बान्दा को लगातार एकत्र किया जाता है इसलिये इसका फैलाव धीरे-धीरे हो रहा है।

क्या वृक्ष पर आर्किड है?: हाँ, एक ही प्रकार का आर्किड है। इसकी तस्वीर ली गयी है।

क्या आर्किड के स्थानीय उपयोग है?: हाँ, आर्किड का प्रयोग बतौर औषधि होता है। स्थानीय लोग बताते है कि खरियार रोड के किसी धनी परिवार ने इस आर्किड को अपनी तिजोरी मे रखा है। हर साल दीपावली मे इसकी पूजा होती है। जिस साल क्षेत्र मे कम बारिश होती है उस साल बहुत से लोग इस आर्किड को अपने अन्न भंडार मे रखते है। आर्किड को पूजा-पाठ करके एकत्र किया जाता है।

कितनी सम्भावना है कि यह वृक्ष विकास की भेंट चढेगा?: यह वृक्ष सडक के एकदम किनारे है। यदि सडक का चौडीकरण हुआ तो इसे काट दिया जायेगा।

यदि इसे काटा गया तो क्या स्थानीय लोग इसे बचाने सामने आयेंगे?: ऐसा लगता तो है।
आपके सम्बन्ध कैसे है इस वृक्ष से: मित्र की तरह।

आपने कितनी बार इनसे आलिंगन किया है?: हर बार करता हूँ। मेरे साथ यात्रा कर रहे लोग भी करते है।

क्या युवा पीढी इसके महत्व को जानती है?: नही, पिछले साल कुछ मनचले युवको ने इसमे आग लगाने की कोशिश की थी। उन्हे स्थानीय लोग ने समझाइश दी है।

क्या आप इस वृक्ष के समकक्ष किसी दूसरे वृक्ष को जानते है?: हाँ, जब भी मै इसके पास जाता हूँ मुझे घटारानी क्षेत्र के महुआ वृक्ष (सीजीबीडी डेटाबेस के अनुसार क्रमाँक: 15418) की याद आ जाती है।

“लकडी माफिया” इसे किस नजर से देखता है?: स्थानीय आस्था के कारण इस ओर कम ही देखता है।

क्या वन विभाग को इसके महत्व के विषय मे जानकारी है?: स्थानीय लोग तो इन्कार करते है। मुझे उनकी बात सही लगती है।

आशा है, आपको मेरे इस मधुका मित्र से मिलकर प्रसन्नता हुयी होगी। मै उस दिन की प्रतीक्षा कर रहा हूँ जब मै सेटेलाइट की सहायता से इनकी स्थिति निर्धारित कर पाऊँगा और घर बैठे ही इन्हे देख पाऊँगा। जब भी कोई लालची नजर इस ओर उठेगी एक अलार्म बज उठेगा और स्थानीय लोगो को सूचना मिल जायेगी। वे दौड पडेंगे इस जीवनदाता को बचाने। (क्रमश:)

(लेखक कृषि वैज्ञानिक है और वनौषधीयो से सम्बन्धित पारम्परिक ज्ञान के दस्तावेजीकरण मे जुटे हुये है।)

© सर्वाधिकार सुरक्षित

Comments

Gyan Darpan said…
बहुत ख़ुशी हुई आपके इस अनोखे मित्र से मिलकर | साथ ही इस पेड़ के बारे में बहुत अच्छी जानकारी भी मिली | धन्यवाद |
Pryas said…
क्या आप अपने इस दोस्त से मेरी भी दोस्ती करवाओगे?
प्रयास
pryas.wordpress.com
आपके मधुका मित्र से मि्लकर बहुत खुशी हुई
आशा है आपके दूसरे मित्रों से मिलने का भी सौभाग्य प्राप्त होगा
प्रार्थना करता हूं कि वह दिन जल्दी आये जब आप मधुका और दूसरे मित्रों का इस तरह ख्याल रख सकें "जब मै सेटेलाइट की सहायता से इनकी स्थिति निर्धारित कर पाऊँगा और घर बैठे ही इन्हे देख पाऊँगा। जब भी कोई लालची नजर इस ओर उठेगी एक अलार्म बज उठेगा और स्थानीय लोगो को सूचना मिल जायेगी। वे दौड पडेंगे इस जीवनदाता को बचाने।"

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